Priyanka06

Add To collaction

लेखनी कहानी प्रतियोगिता -08-Nov-2022 गुरु नानक जयंती

विषय-गुरु नानक जी की जयंती
यह कहानी एक 5 वर्ष के बच्चे की है। एक परिवार था जिसमें 5 वर्ष का बच्चा रोहन और उसकी दादी मम्मी पापा साथ में रहते थे। रोहन मनसे चंचल और बहुत ही होशियार बच्चा था।
एक बार रोहन अपनी दादी के पास रात को दादी के पास लेटा हुआ था। दादी ने उससे कहा -पता है कल क्या है रोहन! क्या है कल दादी?(बड़ी उत्सुकता से पूछा)
दादी ने कहा बेटा कल गुरुपुरब है। फिर रोहन ने प्रश्न किया दादी गुरुपूरब क्या होता है।
दादी ने बताया बेटा कल गुरु नानक जी की जयंती है उन्हीं के उपलक्ष में गुरुपुरब मनाया जाता है।
फिर रोहन ने दादी से प्रश्न किया दादी गुरु नानक जी कौन थे।
दादी ने रोहन को गुरु नानक जी के बारे में संक्षिप्त में कहानी सुनाई।
गुरु नानक जी समुदाय के प्रथम गुरु माने जाते हैं क्योंकि इन्होंने सिख समुदाय की स्थापना की थी और अंधविश्वासों पर विश्वास नहीं करते थे। जातिवाद पर भी उन्होंने रोकथाम लगाई थी। जातिवाद को रोकने के लिए लंगर की व्यवस्था की। सभी व्यक्ति जब प्रसाद ग्रहण करेंगे तो ऊंच नीच जात पात का भेदभाव भूल जाएंगे। इससे हम जाति प्रथा समाप्त हो सके। नानक जी दार्शनिक ,कवि भी थे।
तभी से गुरुपुरब मनाया जाता है। यह कहानी सुनकर रोहन सो जाता है।
सुबह जल्दी उठकर रोहन नहा धोकर तैयार हो जाता है और मन उत्सुकता से भरा हुआ था।
और अपनी दादी को कहता है दादी आज हम गुरुद्वारा चलेंगे और वहीं पर प्रसाद ग्रहण करेंगे। दादी इस बात से बहुत खुश हो जाती है और सभी परिवार उस दिन गुरुद्वारे में जाकर प्रेम भाव से सभी को प्रसाद वितरण करते हैं और खुद भी प्रसाद ग्रहण करते हैं। 
रोहन के इस विचार से एक नहीं सीख मिलती है बच्चों को हमें हर त्यौहारों के बारे में बताना चाहिए जिससे उनमें संस्कार की भावना बढ़ती है।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

   14
2 Comments

Mithi . S

09-Nov-2022 11:28 AM

बहुत अच्छा लिखा है आपने 👌

Reply

Gunjan Kamal

08-Nov-2022 10:55 PM

बिल्कुल सही कहा आपने मैम! जब तक हम बड़े अपने बच्चों को त्योहार के बारे में नही बताएंगे और दिखाएंगे वें उसके बारे में जान भी नही पाएंगे और ना ही देख पाएंगे। बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

Reply